बुधवार, 18 दिसंबर 2019

इंसान की कीमत

 अगले ही पल वह व्यक्ति पीड़ा से छटपटा रहा था| चाकू उसके पेट को चीर चुका था| धीरे-धीरे उसकी सांसे धीमी होती गई| जैसे-जैसे सड़क पर उसका खून जमता गया, वैसे -वैसे उसकी दिल की धड़कनें ठंडी पड़ती गयी और वह मर गया| मारने वाले ने उसकी पूरी जेब टटोली परंतु कुछ भी नहीं  निकला| एक छोटी सी जेब से ₹10 का सिक्का जरूर मिला|

वह हैरान था| इतने सुंदर कपड़े पहनने वाले कि जेब में सिर्फ ₹10| उसने तो सोचा था जितने नोट मिलेंगे सब 500 के ही होंगे| निराश होकर उसने ₹10 का सिक्का उसके ऊपर फेंका और वहां से भाग गया|
          एक सभ्य सा दिखने वाला व्यक्ति उधर से गुजरा| कुछ देर उसे देखा| जब उसे विश्वास हो गया कि वह मर चुका है तो उसने उसकी जेब टटोली| वहां से कुछ नहीं मिला तो उसकी कमीज उतार कर चलता बना और बोला," हे भगवान, इस अभागे की किस्मत में एक पुण्य और जोड़ लेना| इसके कपड़े मेरे काम आ रहे हैं!”
                 

           सुबह जब सड़क पर आगमन शुरू हुआ तो उस व्यक्ति के पास सिर्फ त्वचा थी| सब चीजें उठाकर लोग चले गए थे| उसे किसी ने नहीं उठाया| आदमी किसी के काम का ना था|
               4 दिन से रोज उसका मित्र उसके घर चक्कर लगा रहा है कि 3 दिन के लिए मुझसे कपड़े मांग कर ले गया था, अब तक नहीं आया| कम से कम मेरे नए कपड़े लेकर तो उसे नहीं भागना चाहिए था!
तो देखा दोस्तों आज के इंसान की क्या कीमत रह गई है!
 चित्र स्त्रोत:- गूगल इमेज
www.karansingh753698.blogspot.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें