बुधवार, 18 दिसंबर 2019

अक्ल का इस्तेमाल

एक बुढ़ा ट्रेन में सफर कर रहा था , इत्तेफाक से वो कोच खाली था।

तभी 8-10 लड़के उस कोच में आये और बैठ कर मस्ती करने लगे

एक ने कहा चलो जंजीर खींचते हैं दूसरे ने कहा यहां लिखा है 500 रु. जुर्माना और 6 माह की कैद

तीसरे ने कहा हम इतने लोग है.. चंदा कर के 500 रु. जमा कर देंगे

चन्दा इकट्ठा किया गया तो 500 की जगह 1200 रु जमा हो गए

चंदा पहले लड़के के जेब मे रख दिया गया

तीसरे ने बोला, अब जंजीर खींचते है अगर कोई पूछता है..तो कह देंगे बूढ़े ने खीचा है।

पैसे भी नही देने पड़ेंगे तब।

बूढ़े ने कहा बच्चों मैने तुम्हारा क्या बिगड़ा है मुझे क्यो फंसा रहे हो

लेकिन किसी को दया नही आई।

जंजीर खीची गई टी टी आया सिपाही के साथ,

लड़कों ने एक स्वर में कहा बूढे ने जंजीर खीची है।

टी टी- बूढ़े से बोला शर्म नही आती इस उम्र ऐसी हरकत करते हुए,

बूढ़े ने कहा साहब मैंने जंजीर खींची है, मेरी एक कंप्लेंट थी।

टी टी ने पूछा क्या थी.?

बूढ़े ने कहा मेरे पास केवल 1200 रु. थे जिसे इन लड़को ने छीन लिए और इस लड़के ने अपनी जेब मे रखा है ।

अब टीटी ने सिपाही से कहा इस लड़के की तलाशी लो..

लड़के के जेब से 1200 रु. बरामद हुए ,

जिसे बुढ़े को वापस कर दिया गया और लड़कों को अगले स्टेशन में पुलिस के हवाले कर दिया गया ।

ले जाते समय लड़के ने वृद्ध की ओर देखा ,वृद्ध ने सफेद दाढ़ी में हाथ फेरते हुए कहा ...

बेटा ये बाल यूँ ही सफेद नही हुए हैं।

 इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमें मुसीबत के समय समझदारी से काम लेना चाहिए!
 चित्र स्त्रोत:- गूगल इमेज

इंसान की कीमत

 अगले ही पल वह व्यक्ति पीड़ा से छटपटा रहा था| चाकू उसके पेट को चीर चुका था| धीरे-धीरे उसकी सांसे धीमी होती गई| जैसे-जैसे सड़क पर उसका खून जमता गया, वैसे -वैसे उसकी दिल की धड़कनें ठंडी पड़ती गयी और वह मर गया| मारने वाले ने उसकी पूरी जेब टटोली परंतु कुछ भी नहीं  निकला| एक छोटी सी जेब से ₹10 का सिक्का जरूर मिला|

वह हैरान था| इतने सुंदर कपड़े पहनने वाले कि जेब में सिर्फ ₹10| उसने तो सोचा था जितने नोट मिलेंगे सब 500 के ही होंगे| निराश होकर उसने ₹10 का सिक्का उसके ऊपर फेंका और वहां से भाग गया|
          एक सभ्य सा दिखने वाला व्यक्ति उधर से गुजरा| कुछ देर उसे देखा| जब उसे विश्वास हो गया कि वह मर चुका है तो उसने उसकी जेब टटोली| वहां से कुछ नहीं मिला तो उसकी कमीज उतार कर चलता बना और बोला," हे भगवान, इस अभागे की किस्मत में एक पुण्य और जोड़ लेना| इसके कपड़े मेरे काम आ रहे हैं!”
                 

           सुबह जब सड़क पर आगमन शुरू हुआ तो उस व्यक्ति के पास सिर्फ त्वचा थी| सब चीजें उठाकर लोग चले गए थे| उसे किसी ने नहीं उठाया| आदमी किसी के काम का ना था|
               4 दिन से रोज उसका मित्र उसके घर चक्कर लगा रहा है कि 3 दिन के लिए मुझसे कपड़े मांग कर ले गया था, अब तक नहीं आया| कम से कम मेरे नए कपड़े लेकर तो उसे नहीं भागना चाहिए था!
तो देखा दोस्तों आज के इंसान की क्या कीमत रह गई है!
 चित्र स्त्रोत:- गूगल इमेज
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